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बबूल


तस्वीर: गौरव तिवारी


जब माटी माँ होने से मना कर देती है
वह रूखी और बलुई हो जाती है
वह शासक बन जाती है
उसे अपने ऊपर किसी का जिंदा होना सहन नहीं होता
वह किसी को भी उगने नहीं देती
पानी होती है जिंदा होने की निशानी
इसलिए वह ख़त्म कर देती है पानी
वह नहीं उगने देती है घास
नहीं उगने देती है गेहूँ
डर के मारे नहीं उगता है नीम
बरगद और पीपल भी उगने से मना कर देते हैं
जब सब मर जाते हैं
वहाँ उग आता है बबूल
जब ख़त्म हो रही होगी दुनिया
तब उग रहा होगा बबूल
- गौरव तिवारी

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